सुभाषचंद्र बॉस जयंती,Shubhashchandra Bose Jayanti,shubhashchandra Bose Birthday

आइए जानते है सुभाषचंद्र बोस के बारे मे कुछ रोचक तथ्य


सुभाषचंद्र बोस भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आजाद हिन्द फौज का गठन किया था। उन्होंने जापान, जर्मनी और अन्य देशों से सहयोग प्राप्त करके भारत को आजाद करने का प्रयास किया था। उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। उनके पिता जानकीनाथ बोस वकील थे और उनकी माता प्रभावती बोस थीं। उन्होंने अपनी शिक्षा कटक, कलकत्ता और कैम्ब्रिज में की थी। उन्होंने 1920 में आई.सी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन वे इस नौकरी को छोड़कर देश की सेवा में लग गए।



बोस ने अपनी शिक्षा को कॉलेज स्तर पर कोलकाता में पूरी की, और फिर उन्होंने संघर्ष की ओर कदम बढ़ाया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य होकर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, लेकिन उनकी असमान्य विचारशीलता ने उन्हें कांग्रेस के विचारधारा से दूर कर दिया।

बोस ने नेतृत्व का अहसास करते हुए उन्होंने आजाद हिन्द फौज की स्थापना की, जो भारतीय स्वतंत्रता सेना के रूप में थी। उन्होंने अपनी ओर से "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" कहे गए भाषण के माध्यम से जनसमर्थन प्राप्त किया।

1941 में, बोस ने नाजी जर्मनी से सहायता प्राप्त करने के लिए जापान की मदद की और सुभाष चंद्र बोस ने अपनी इकोनोमिक प्रणाली को स्थापित करने का प्रयास किया।

उनकी मृत्यु एक दुर्घटनाग्रस्त हवाई दुर्घटना में 18 अगस्त 1945 को हुई थी, लेकिन उनका योगदान और साहस आज भी याद किया जाता है।

सुभाष चंद्र बोस के अद्वितीय योगदान के कारण, उन्हें 'नेताजी' के नाम से सम्मानित किया जाता है और उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान नेता के रूप में माना जाता है।

उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर गांधीजी के साथ सहयोग किया, लेकिन बाद में उन्हें गांधीजी की अहिंसा वादी राजनीति से असहमति हुई। उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर अपना अलग समूह बनाया, जिसे ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक कहा गया। उन्होंने देश के युवाओं को हिंसक विद्रोह के लिए प्रेरित किया और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए आजाद हिन्द फौज का गठन किया। उन्होंने अपनी सेना को 'दिल्ली चलो' का नारा दिया और भारत में घुसकर अंग्रेजों से लड़ा। उन्होंने आजाद हिन्द सरकार की स्थापना की और उसे कई देशों ने मान्यता दी।


उनका जीवन एक रहस्य रहा है, क्योंकि उनकी मृत्यु के बारे में विभिन्न मत हैं। कुछ लोग मानते हैं कि वे 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एक हवाई दुर्घटना में मारे गए थे, जबकि कुछ लोग मानते हैं कि वे जिंदा थे और छुपे हुए थे। उनके शरीर का कोई पता नहीं मिला है और उनके जीवन के बारे में कई अनसुलझे प्रश्न हैं।



सुभाषचंद्र बोस भारत के इतिहास में एक ऐसा नाम है, जिसे देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने वाले नेताओं में गिना जाता है। उनका जीवन और कार्य हमें देशभक्ति, साहस, बलिदान और निष्ठा का पाठ पढ़ाते हैं। उनके द्वारा दिया गया 'जय हिन्द' का नारा आज भी हमारे दिलों में गूंजता है।


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