कैसे बाबर ने राम मन्दिर तोड़ा, राम मन्दिर अयोध्या, 22 जनवरी 2024 प्राण प्रतिष्ठा प्रतिष्ठा
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का संघर्ष पूर्ण जीवन
भगवान राम, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता में से एक हैं। उन्हें 'मर्यादा पुरुषोत्तम' कहा जाता है, जो कि सर्वोत्तम मर्यादा का पुरुष होने का संकेत है। रामायण, जो उनके जीवन की कहानी को विवरणित करती है, भारतीय साहित्य और सांस्कृतिक धारा का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भगवान राम का जन्म आयोध्या में हुआ था, और वह दशरथ राजा के पुत्र थे। उनका विवाह माता सीता से हुआ था, और उनकी ब्राता लक्ष्मण थे। भगवान राम का पूरा जीवन धर्म, मानवता और न्याय के प्रति समर्पित रहा। उन्होंने अपने जीवन में अनेक कठिनाईयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने हमेशा धर्म का पालन किया और आदर्श पुरुष की भूमिका निभाई।
रामायण में भगवान राम की लंका यात्रा, राक्षस राजा रावण के साथ युद्ध, और सीता हरण की कहानी शामिल है। भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता के प्रति अपना प्रेम और वचनबद्धता का परिचय दिया, जो धर्मिक और सामाजिक मूल्यों को प्रमोट करने के लिए एक आदर्श बनाता है।
भगवान राम का अयोध्या को छोड़कर वनवास जाना, उनके पुत्र लव और कुश का जन्म और उनके साथी हनुमान जैसे चरित्रों की महत्वपूर्ण घटनाएं रामायण में दर्शाई गई हैं।
भगवान राम के शिक्षाएँ और उनका आचरण धर्मशास्त्र में एक आदर्श के रूप में माने जाते हैं। उनकी मित्रता, क्षमा, और धैर्य की भावना आदमीवादी जीवन के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।
भगवान राम का पूरा जीवन सर्वोत्तमता, न्याय, और सच्चाई की प्रेरणा से भरा हुआ है। उनके चरित्र, भक्ति, और कर्मयोग में अद्वितीय उदाहरण छिपे हुए हैं, जो लोगों को आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं।
भगवान राम के प्रति हिन्दू भक्ति में विशेष महत्व है और उन्हें भगवान का अवतार माना जाता है। उनकी कथाएं धार्मिक और सांस्कृतिक प्रेरणा स्रोत के रूप में बनी हैं और भगवान राम के चरणों में शरण लेने से भक्ति और मुक्ति प्राप्त होती ह
भगवान राम, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता हैं और उन्हें 'मर्यादा पुरुषोत्तम' कहा जाता है, जिन्होंने भगवद गीता के अनुसार धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिया था। रामायण, भगवान राम की कहानी को विस्तृतता से बताने वाली महाकाव्य है और इसे महर्षि वाल्मीकि ने रचा है।
राम जन्मभूमि आयोध्या में आदित्य कुल से उत्पन्न हुए थे और उनके माता-पिता का नाम राजा दशरथ और कौशल्या था। राम की बचपन की कई कहानियाँ हैं, जिनमें उनका बचपन सजीवन गुरु विश्वामित्र के साथ बिताना शामिल है।
राम की विवाह कथा में सीता से जुड़ी है, जिन्होंने स्वयंवर में धनुर्विद्या का प्रदर्शन करते हुए धनुष टूटने का कार्य किया और सीता को प्राप्त किया। लक्ष्मण और हनुमान के साथ राम ने अयोध्या छोड़ दी और बनवास (वनवास) के दौरान राक्षस राजा रावण ने सीता को हरण कर लिया।
रामायण में राम की वीरता, न्यायप्रियता और धर्मनिष्ठा को बड़े ही उत्कृष्ट रूप से व्यक्त किया गया है। उनकी वीरता का प्रमुख परिचय लंका युद्ध में हुआ, जहां उन्होंने रावण को वध किया और सीता को मुक्त किया।
राम को एक अद्वितीय पति, पुत्र, और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनके धर्मपरायण और न्यायप्रिय राजा के रूप में अपने प्रजा के प्रति उनका समर्थन उच्च माना जाता है।
रामायण के अतिरिक्त, राम के बारे में विभिन्न पुराणों और शास्त्रों में भी विवरण है। भगवान राम की भक्ति का प्रचार और प्रसार हिन्दू धर्म में व्यापक रूप से किया जाता है और उन्हें साकार और निराकार ब्रह्म के साथ सम्बन्धित माना जाता है।
रामलीला, जो राम के जीवन की कहानी को रात्रि रात्रि नाटक रूप में प्रस्तुत करने वाली परंपराएं, भारत में विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाती हैं और भक्तों को राम की भक्ति में भागीदार बनाती हैं।
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