अध्यादेश क्या होता है? सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने कैसे पलट दिया? अध्यादेश क्या है? इसे कौन लागू करता है और कैसे?
अध्यादेश का अर्थ क्या होता है?
अध्यादेश क्या है? कौन जारी करता है? संविधान के अनुच्छेद 123 में राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्तियों का वर्णन है। अगर कोई ऐसा विषय हो जिस पर तत्काल कानून बनाने की जरूरत हो और उस समय संसद न चल रही हो तो अध्यादेश लाया जा सकता है।अध्यादेश क्या होता है? सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र सरकार ने कैसे पलट दिया? अध्यादेश क्या है? इसे कौन लागू करता है और कैसे?
हफ्ते भर पहले, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था। शुक्रवार देर रात केंद्र ने SC के आदेश को पलटने वाला अध्यादेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि DANICS कैडर के ग्रुप A अधिकारियों के तबादले और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए 'राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण' गठित किया गया है। दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इसे 'सुप्रीम कोर्ट की अवमानना' करार दिया है। अन्य विपक्षी दलों के भी ऐसे ही बयान आए हैं। मामले में दिल्ली सरकार के वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 'नए अध्यादेश का गहन अध्ययन करना होगा। लेकिन स्पष्ट रूप से यह खराब, बेहद खराब और ‘बेहयाई’ वाला कदम है। इसपर संदेह है कि क्या संसद इसे अपनी मंजूरी देगी।'
क्या अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा जा सकता है? क्या अब दिल्ली सरकार के पास कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा? क्या राष्ट्रपति के हाथों जारी होने वाला अध्यादेश कानून बन जाता है? संसद की क्या भूमिका होती है? इन्हीं सब सवालों के जवाब जानते हैं।
अध्यादेश क्या है? कौन जारी करता है?
संविधान के अनुच्छेद 123 में राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्तियों का वर्णन है। अगर कोई ऐसा विषय हो जिस पर तत्काल कानून बनाने की जरूरत हो और उस समय संसद न चल रही हो तो अध्यादेश लाया जा सकता है। अध्यादेश का प्रभाव उतना ही रहता है, जितना संसद से पारित कानून का होता है। इन्हें कभी भी वापस लिया जा सकता है। अध्यादेश के जरिए नागरिकों से उनके मूल अधिकार नहीं छीने जा सकते। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर राष्ट्रपति अध्यादेश जारी करते हैं। चूंकि कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है। ऐसे में अध्यादेश को संसद की मंजूरी चाहिए होती है। अध्यादेश को संसद में छह सप्ताह के भीतर पारित कराना होता है। अध्यादेश जारी करने के छह महीने के भीतर संसद सत्र बुलाना अनिवार्य है।राज्यों में गवर्नर अध्यादेश जारी कर सकते हैं। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 213 में व्यवस्था है। शर्तें वही रहती हैं कि विधानसभा का सत्र न चल रहा हो। अध्यादेश को जारी करने के छह महीने के भीतर विधानसभा से पारित भी कराना होता है।
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